गाने |
उठ जाग मुसाफिर गफ़लत से कुछ सोच तो ले करना क्या है |
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कमर बांधे हुए चलने को यहाँ सब यार बैठे हैं |
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आई रुत बहार आई |
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चोट कुछ ऐसी लगी इक दर्द पैदा हो गया |
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किसी से दिल को लगा चुके हैं |
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रंग तेरा कश्मीरी भमीरी रंग तेरा |
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उमर सारी खेल खोई अगन कुण्ड की बेल बोई |
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खड़ा बीच में आके बाँका सवार |
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सरकारी निबुआ न तोड़े रे |
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आ रही है गैब से आवाज़ |
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