गाने |
तेरे ज़ुल्मों की ज़ालिम इस क़दर फ़रियाद करते हैं |
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मसीहा हो के बीमारों को किस पर छोड़ जाते हो |
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तन मन धन सब वारूँ |
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मैं हूँ वोही जिसके लिए तुम तालब-ए-दीदार हो |
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जाओ जाओ सैयाँ तोसे बोलूँगी नाही अब |
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सब हैं लोक भिखारी जग में |
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अब न रखो झरी प्यारे |
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