Daulat Ke Dushman

दौलत के दुश्मन

एल्बम वर्ग: हिन्दी, फ़िल्म
वर्ष: १९८३
संगीतकार: आर.डी. बर्मन
गीतकार: मजरूह सुल्तानपुरी
लेबल: एच.एम.वी.
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
एल्बम क्रेडिट: SONGS RECORDED BY: Kaushik.
 
फ़िल्म क्रेडिट: निर्देशक: बिमल रावल. निर्माता: मनु नारंग. कथा: बालकिशन मौज. पटकथा: बालकिशन मौज. संवाद: बालकिशन मौज. अभिनेता: मनु, अधिक...
 



गाने


 
जीना तो है पर ऐ दिल कहाँ
गायक: किशोर कुमार
संगीतकार: आर.डी. बर्मन
गीतकार: मजरूह सुल्तानपुरी
शैली: फ़िल्मी
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
आज जमा हैं कुंज गली में (बिछुआ बने पिया तेरे नैन)
गायक: आशा भोसले
संगीतकार: आर.डी. बर्मन
गीतकार: मजरूह सुल्तानपुरी
शैली: फ़िल्मी
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
हम तो हैं सबके यार
गायक: किशोर कुमार, आशा भोसले
संगीतकार: आर.डी. बर्मन
गीतकार: मजरूह सुल्तानपुरी
शैली: फ़िल्मी
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
समझा मैं किस्मत खुल गई
गायक: मोहम्मद रफ़ी
संगीतकार: आर.डी. बर्मन
गीतकार: मजरूह सुल्तानपुरी
शैली: फ़िल्मी
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
जो भी हुआ है वो प्यार में हुआ है
गायक: किशोर कुमार
संगीतकार: आर.डी. बर्मन
गीतकार: मजरूह सुल्तानपुरी
शैली: फ़िल्मी
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
जाना है हमें तो जहाँ करार मिले
गायक: लता मंगेशकर, किशोर कुमार
संगीतकार: आर.डी. बर्मन
गीतकार: मजरूह सुल्तानपुरी
शैली: फ़िल्मी
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
आज इसकी भरी झोली
गायक: मन्ना दे
संगीतकार: आर.डी. बर्मन
गीतकार: मजरूह सुल्तानपुरी
शैली: फ़िल्मी, सूफ़ी/कव्वाली
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 

पुरस्कार


 
  • पुरस्कारों की जानकारी उपलब्ध नहीं है

सामान्य ज्ञान


 

    एल्बम

  • This movie was made in 1973 as "Paanch Dushman". The film was re-released in 1983 with a different name. The only difference in the 1983 audio release was a Manna Dey song which did not feature in the 1973 film's audio release.[1]

    गीत

  • जीना तो है पर ऐ दिल कहाँ - R.D. Burman adapted the tune of this song's mukhda to composed the hit song "Chand Mera Dil" ("Hum Kisise Kum Naheen", 1977).[2]
  • आज जमा हैं कुंज गली में (बिछुआ बने पिया तेरे नैन) - Kishore Kumar was mistakenly credited as a singer in this song although it is an Asha Bhosle solo.[MR1]
  • समझा मैं किस्मत खुल गई - आर.डी. बर्मन ने इस गीत के धुन में कुछ बदलाव ला कर हिन्दी फ़िल्म गीत "मस्ती के हैं दिन चार" ("सियासत", १९९१) में इस्तमाल किया था।[3]



सन्दर्भ


 

प्रतिक्रिया