गाने |
क्यों मोह को मन में डाला |
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शबे वस्ल गंज़े यह क्या हो रहे हैं |
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फूल लाऊँ हार बनाऊँ |
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प्रेम नदी में तराया है बेड़ा ईश्वर उतारे पार |
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ग़ारत हो मुहब्बत यह जो जान पे बन आई |
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आशिकों के वास्ते हर वस्ल की शब ईद है |
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तआज्जुब क्या जो दीवानों को तेरे जोशे मस्ती है |
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ग़में दर्दे सीना इधर कूटते हैं |
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हो गया बैरी मेरा संसार क्यों |
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जग में प्रेम के बन्धन न्यारे |
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