Jaan Nisar

जाँ निसार

एल्बम वर्ग: हिन्दी, फ़िल्म
वर्ष: १९३४
गीतकार: मुंशी नाज़ाँ
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गाने


 
आँख में बुने उद्दू हुस्न की तस्वीर भी हो
 
गीतकार: मुंशी नाज़ाँ
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हुस्न के बादल छाए हैं
 
गीतकार: मुंशी नाज़ाँ
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देखी खूब आजमाई है दुनिया मतलब की
 
गीतकार: मुंशी नाज़ाँ
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गले में जिनके लोहे के हजारों मन के टुकड़े हों
 
गीतकार: मुंशी नाज़ाँ
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कौम पर मर जाना मेरा काम है
 
गीतकार: मुंशी नाज़ाँ
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इस क़ैद के हालत को इन्सान जो पहचाने
 
गीतकार: मुंशी नाज़ाँ
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याद उन गेसुओं की दिल से भुलाए क्यों
 
गीतकार: मुंशी नाज़ाँ
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मैं तेरे दर का रहूँगा सवाली
 
गीतकार: मुंशी नाज़ाँ
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मैं वतन से सैकड़ों कोस दूर हूँ
 
गीतकार: मुंशी नाज़ाँ
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पुरस्कार


 
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सामान्य ज्ञान


 
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