गाने |
कुछ हाथ से अपने देता जा |
|
|||||
|
|
|||||
तुझे ढूँढने दर दर जाऊँगी |
|
|||||
|
|
|||||
हम राहे मैले अपनी हस्ती को मिटाएँगे |
|
|||||
|
|
|||||
क़दमों से मेरे आका मुझको न जुदा करना |
|
|||||
|
|
|||||
जलवा नज़र आया मुझे परवरदिगार का |
|
|||||
|
|
|||||
आँसू न बहा जानी |
|
|||||
|
|
|||||
फ़ज़लो करम किए तो ज़माना गुज़र गया |
|
|||||
|
|
|||||
कहीं अब्रे रहमत होता है |
|
|||||
|
|
|||||
सौतन ने मेरा जिया जला दिया सच्ची |
|
|||||
|
|
|||||
फ़लक ने ये ढाया सितम कैसा |
|
|||||
|
|
|||||
मय-ए-गुलग़ूँ हो पहलू में तू यार हो |
|
|||||
|
|
|||||
मेरे दर्द का कोई चारा नहीं है |
|
|||||
|
|
|||||
बेकसों का मेरे मौला तुझे वाली देखा |
|
|||||
|
|
|||||
कोई दिन फेर लाए फिर वही जाके तो मैं जानूँ |
|
|||||
|
|
|||||
तेरे अबरू की तेगे दोधारी वई |
|
|||||
|
|
|||||