गाने |
गुलशन में आई बहार बसन्ती |
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प्रेम रस पिला दे ऐ साक़ी |
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जल निरमल बल खाए चंचलवा |
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दर्दे उल्फ़त से कहो दिल से ना जाना हरगिज़ |
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याद में तेरी इक तर्ज़े जफ़ा रखा है |
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चंचल नैना ने बरछी मारी |
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दहर में मुझको यह काबे का गुमां होता है |
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बान नैनों का ज़ालिम ने मारा |
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वतन पर जान देने को जो समां हो तो ऐसे हो |
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उनकी अन्दाज़े वहशत दिखा जाएंगे |
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मैं खुश्खराम हूँ मैं गुलफ़ाम हूँ |
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