गाने |
चाँद-ओ-सूरज की रवानी से बने लयलो निहार |
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हरे रहो वतन मादरी के |
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जिधर देखता हूँ जहाँ देखता हूँ |
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जब नज़र भर कर किसी ने तुझको देखा माहताब |
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नहीं मालूम दुश्मन क्यूँ हुआ है |
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निगाहें लुत्फ़ ऐ गंजे सबा अपनी इधर कर दे |
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आव आव चलें सब जंग करें |
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वो ही महफ़िल है |
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मिट जाएगा ये आलम उलफ़त नहीं मिटेगी |
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तेरे इश्क़ में हुआ मतवाला |
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गर कलम को वक्त के हाथों से मितला है उरूज़ |
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हर घड़ी के ममसे दिल |
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