Majaz - Ae Gham-E-Dil Kya Karun

मजाज़ - ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ

एल्बम वर्ग: हिन्दी, फ़िल्म
वर्ष: २०१६
संगीतकार: तलत अज़ीज़
गीतकार: मजाज़ लखनवी, ख़ालिद फरीदी
लेबल: ज़ी म्यूज़िक कम्पनी
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
एल्बम क्रेडिट: MUSIC ARRANGERS: Jeetu Shankar, Bhavdeep Jaipurwale. PROGRAMMER: Raju Shankar. BACKGROUND MUSIC: Iqbal Darbar.
 
फ़िल्म क्रेडिट: निर्देशक: रविन्द्र सिंह. निर्माता: डॉ. मादीह, शक़ील अख्तर, ग़ज़ाला पर्वीन. कथा: शक़ील अख्तर. पटकथा: शक़ील अख्तर. संवाद: शक़ील अख्तर. अभिनेता: प्रियांशु चटर्जी, अधिक...
 



गाने


 
तास्किन-ए-दिल
गायक: तलत अज़ीज़
संगीतकार: तलत अज़ीज़
गीतकार: मजाज़ लखनवी
शैली: ग़ज़ल
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
हुस्न को बेहिजाब
गायक: तलत अज़ीज़
संगीतकार: तलत अज़ीज़
गीतकार: मजाज़ लखनवी
शैली: ग़ज़ल
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
देखना जज़्बे मोहब्बत
गायक: तलत अज़ीज़
संगीतकार: तलत अज़ीज़
गीतकार: मजाज़ लखनवी
शैली: ग़ज़ल
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
कुछ तुझको खबर (पुरुष)
गायक: तलत अज़ीज़
संगीतकार: तलत अज़ीज़
गीतकार: मजाज़ लखनवी
शैली: ग़ज़ल
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
बर्बाद ऐ तमना
गायक: तलत अज़ीज़
संगीतकार: तलत अज़ीज़
गीतकार: मजाज़ लखनवी
शैली: ग़ज़ल
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ
गायक: तलत अज़ीज़
संगीतकार: तलत अज़ीज़
गीतकार: मजाज़ लखनवी
शैली: ग़ज़ल
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
ये मेरा चमन
 
गायक: तलत अज़ीज़
संगीतकार: तलत अज़ीज़
गीतकार: मजाज़ लखनवी
शैली: फ़िल्मी
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
चलो रे सखी
 
गायक: सुगंधा लाड
संगीतकार: तलत अज़ीज़
गीतकार: ख़ालिद फरीदी
शैली: फ़िल्मी
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
कुछ तुझको खबर (स्त्री)
गायक: अलका याज्ञिक
संगीतकार: तलत अज़ीज़
गीतकार: मजाज़ लखनवी
शैली: ग़ज़ल
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 
अल्ला ओ घनी (सूफ़ियाना)
गायक: सोनू निगम
संगीतकार: तलत अज़ीज़
गीतकार: ख़ालिद फरीदी
शैली: सूफ़ी/कव्वाली
सम्पूर्ण रेटिंग:
मेरी रेटिंग:
 

पुरस्कार


 
  • पुरस्कारों की जानकारी उपलब्ध नहीं है

सामान्य ज्ञान


 

    एल्बम

  • The film was based on the life of the Urdu poet Asrar ul Haq Majaz, commonly known as Majaz Lakhnavi.
  • This was ghazal artist Talat Aziz's only Hindi film as a music director.

    गीत

  • ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ - Majaz's lines for this song are best remembered for their use in a song composed by Sardar Malik and sung by Talat Mahmood for the film "Thokar" (1953). The film took its tagline from this poem.[1]



सन्दर्भ


 

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