गाने |
न किसी का मैं तो हबीब हूँ |
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होंगे बदनाम तो हो लेने दो |
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फ़रेबे रग का परदा उठा दिया तूने |
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वस्ल की बनती है इन बातों से तदबीरें कहीं |
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जाएँ किस तरह वो दर छोड़ के मयखाने का |
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लहद में भी मेरे शाने हिलाए जाते हैं |
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गोरे मजनू पे किसी ने जा के पूछा |
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मेरा कहना तूने न माना |
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