गाने |
हाय कैसी दुर्दशा है आज खिदमतगार की |
|
|||||
|
|
|||||
पिता के स्वार्थ का हाए बना यह दिल निशाना है |
|
|||||
|
|
|||||
मेरा हृदय क्या मानो यह चिन्ता का बसेरा है |
|
|||||
|
|
|||||
खयाले मुफ़लिसी हाए मुझे हरदम मसलता है |
|
|||||
|
|
|||||
हाय किससे कहूँ मन की बात |
|
|||||
|
|
|||||
अगर हर देवी जाती सेवा को तैयार हो जाए |
|
|||||
|
|
|||||
प्यारा प्यारा प्यारा सुन्दर मुख तुम्हारा |
|
|||||
|
|
|||||
जय जय जय जय कृष्ण गोपाल |
|
|||||
|
|
|||||