गाने |
हो के पाबन्द शर्मो हिजाब के हाँ |
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दया धरम नहीं मन में |
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नामुरादों को फ़लक कुश्तए बेदाद न कर |
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मयस्सर गर न किस्मत से विसाले यार हो जाता |
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चल रे मन उसका सुमरन कर जिसने ये जगत बनाया है |
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गालियाँ यार की और जूतियां खा लेते हैं |
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