गाने |
रेलगाड़ी नहीं है किसी का घर भैया |
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हे नन्दनन्दन धाओ गरुड़ पे समझाओ अपने तजर्बे का सार |
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ढूँढ़ा चितचोर मैंने |
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क्या सितम है दिल का आना |
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अब तो यही धुन है लगी |
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क्या फ़िदा हों लालो गुहर पर हम |
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रग रग में सोज़ ग़म हैं |
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बावली झरने कुएं भण्डार हैं सब नीर के |
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