Sagar Ka Sher (Lion Of Sagar)

सागर का शेर (लायन ऑफ़ सागर)

एल्बम वर्ग: हिन्दी, फ़िल्म
वर्ष: १९३७
संगीतकार: प्राणसुख नायक
गीतकार: प्रोफेसर वक़िफ़
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गाने


 
मरीजों को तस्कीं ज़रा देते जाओ
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
गीतकार: प्रोफेसर वक़िफ़
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कौन हमारे दुःख का दरमाँ
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
गीतकार: प्रोफेसर वक़िफ़
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पहलू से ले के दिल को सितमगर हवा हुआ
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
गीतकार: प्रोफेसर वक़िफ़
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हर जाम में है जलव-ए-मस्ताना किसी का
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
गीतकार: प्रोफेसर वक़िफ़
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भोले भाले सजन तोरी बाँकी चितवन
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
गीतकार: प्रोफेसर वक़िफ़
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झूलना झुलाओ आओ बन में
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
गीतकार: प्रोफेसर वक़िफ़
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दर्द-ए-दिल की क्या दावा है कोई तो बताओ
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
गीतकार: प्रोफेसर वक़िफ़
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अन्धेरिया है रात सजन रहियो कि जइहो
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
गीतकार: प्रोफेसर वक़िफ़
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आँखें खुली हुई हैं अजब ख्वाब-ए-नाज़ है
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
गीतकार: प्रोफेसर वक़िफ़
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सोते भाग जगाए बिहारी
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
गीतकार: प्रोफेसर वक़िफ़
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पुरस्कार


 
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सामान्य ज्ञान


 
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