गाने |
ऐ मेरे मेहरबाँ अब न ले इम्तेहाँ |
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गरज़ हो तो नखरे दिखाती है बीवी |
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सच्चे का है बोलबाला सुनो रे भाई |
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मेरे मुन्ने रे सीधी राह पे चलना |
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अरे ओ दीवाने खुशी के ज़माने फिर नहीं आने रे |
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चाहे देखें घूर के चाहे देवें गालियाँ हमें तो पसंद है गोरे गालों वालियाँ |
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