गाने |
तुम हर गुन गावो निरंजन निराकार |
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आँखें खोल अब नींद से सो ली बहुत समाज |
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हे करूणानिधि करुणा करना |
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मज़े रात दिन अब उड़ाया करूँगा |
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उनके जोबन पे जो अब फ़स्ले बहार आई है |
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बुढ़ापे में मयस्सर है तुम्हें आलम जवानी का |
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अब तोड़ो बेटा पत्थर ये किस्मत का है चक्कर |
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