Samaj Ki Bhul

समाज की भूल

एल्बम वर्ग: हिन्दी, फ़िल्म
वर्ष: १९३४
संगीतकार: प्राणसुख नायक
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गाने


 
तुम हर गुन गावो निरंजन निराकार
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
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आँखें खोल अब नींद से सो ली बहुत समाज
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
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हे करूणानिधि करुणा करना
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
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मज़े रात दिन अब उड़ाया करूँगा
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
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उनके जोबन पे जो अब फ़स्ले बहार आई है
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
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बुढ़ापे में मयस्सर है तुम्हें आलम जवानी का
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
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अब तोड़ो बेटा पत्थर ये किस्मत का है चक्कर
 
संगीतकार: प्राणसुख नायक
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पुरस्कार


 
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सामान्य ज्ञान


 
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