गाने |
ओम शंकर गण नायक त्रिनयन शूलपानी |
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बालिहारी बालम रे |
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अचल रहे सदा राज जब लों चन्द्र तारे |
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ऋतुराज द्वार पे आये चलो री चलो री |
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दिन रतियाँ रही आँखें बिछाए |
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तेरे ही कारण है बृज शोभा |
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कोई नहीं है जग में अपना |
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अरे मन जाग तो देखे स्वप्न काहि रे |
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अब आओ री अम्बुआ की डारी |
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