गाने |
मधु बंसी विरहिणी बोले |
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भावि वश ये सकला साज |
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सुन्दर धन छाया सुख का |
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नाथ हमसे बातें करो ना |
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सखी री स्वप्न में सुन्दर स्वरुप वो नाथ दिखाए गयो |
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इतना जानूँ आ रहा है आज बलमा अपना |
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आनन्ददायिनी रूपमती ह्रदय हरिणी तू |
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प्यास है और जल भी है |
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प्राण हमसे कब मिलेंगे |
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छिन्न भिन्न शतघा युद्ध भूमि में अरिदल करी हों |
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पधारो रण में विजय पावो अनूठी |
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