गाने |
ओ आई घिर घिर के काली बदरिया |
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भड़क अरे भड़क ओ भड़क |
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तसव्वुर है आँखों में हरदम किसी की |
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आ सपनों में आने वाले |
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इस शान से वो आज पए इम्तहाँ चले |
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आँखों से हमारी जो छुपा आँखों का तारा |
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तुझे ले जाए बनिया दोपहरवा में कहाँ गई थी |
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