यह हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की प्रसिद्ध गायिका किशोरी अमोनकर द्वारा गाया पहला हिन्दी फ़िल्म गीत था. उनकी माँ और उनकी गुरु मोघुबाई कुर्दिकर इस बात पर उनसे बहुत नाराज़ हुईं थीं. इसके बाद उन्होंने केवल एक और फ़िल्म में काम किया था - "दृष्टि" (१९९१) जिसकी संगीत को उन्होंने रचा था और जिसमें उन्होंने गीत भी गाए थे.[1][2]