गाने |
साजन बिना न आवे धीर |
|
|||||
|
|
|||||
काम से कब छुटकारा |
|
|||||
|
|
|||||
नैनन के आँसुवन से बिरहन आग बुझा ले मन की |
|
|||||
|
|
|||||
कौन है किसका मीत मूरख |
|
|||||
|
|
|||||
इक नेक तबियत राजा था |
|
|||||
|
|
|||||
कब तक भाग का रोना मूरख |
|
|||||
|
|
|||||
तुमसे माँगने में लाज आये |
|
|||||
|
|
|||||
भरी बहार है साक़ी |
|
|||||
|
|
|||||
हे दाता करतार बिगड़े भाग सँवार |
|
|||||
|
|
|||||
जल बिन कैसे बुझेगी प्यास |
|
|||||
|
|
|||||
जिगर के घाव को ऊपर का मरहम कब मिटाता है |
|
|||||
|
|
|||||