गाने |
ऐ मसीहा यह ज़माने को दिखा देना था |
|
|||||
|
|
|||||
पिया बिन नाहीं आवत चैन |
|
|||||
|
|
|||||
इलाज की नहीं हाजत दिलो जिगर के लिए |
|
|||||
|
|
|||||
मार डाला मार डाला मार डाला रे |
|
|||||
|
|
|||||
खुदा के वास्ते सोज़े निहानी देखते जाओ |
|
|||||
|
|
|||||
तेरे इश्क़ के चलन को मेरे दिल से कोई पूछे |
|
|||||
|
|
|||||
साहबे आलम फतेह ओ जफर पावो |
|
|||||
|
|
|||||
नुक्तांची है ग़मे दिल उसको सुनाए न बने |
|
|||||
|
|
|||||
बिस्तर फ़कीर का हो तेरे दर के सामने |
|
|||||
|
|
|||||
भूल कर इश्क़ किया था मुझे मालूम न था |
|
|||||
|
|
|||||
बिना प्रेम नाहिं कुछ जग में |
|
|||||
|
|
|||||
सोच समझ के जान दे राहे इश्क़ में देखना |
|
|||||
|
|
|||||
जाने जानां दिलरुबा हाँ |
|
|||||
|
|
|||||
किसलिए कैद हुई कुंजे कफस में बुलबुल |
|
|||||
|
|
|||||
न समझो की दिल की लगी दिल्लगी है |
|
|||||
|
|
|||||