गाने |
बालेपन में तो सैयाँ मोहे छोड़ गयो रे |
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दुनिया माया की फुलवारी (बिन बुझे करनी भई) |
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कृष्ण कर मुरली अतिही बिराजत |
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किसी की बात समझता न हो जहाँ कोई |
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ललित लवंग लता परिशीलन कोमल मलय समीरे |
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डियर को पास बुलाऊँगी |
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बस गई उजड़ी नगरिया हमारी |
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संवालिया मैं तो तोरे रंग राती |
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