गाने |
वहदत का तेरी दिल में जो एक राज़ निहाँ है |
|
|||||
|
|
|||||
कोई उम्मीद बर नहीं आती |
|
|||||
|
|
|||||
हूँ मैं चंचल नारी |
|
|||||
|
|
|||||
निगाहे नाज़ से जो तीर खिंच खिंचकर निकलते हैं |
|
|||||
|
|
|||||
खिली चमन की कलियाँ आई मुबारक घड़ियाँ |
|
|||||
|
|
|||||
हमेशा आग निकलती है मेरे सीने से |
|
|||||
|
|
|||||
इश्क़ का आज़ार क्या आज़ार है |
|
|||||
|
|
|||||
सीखा फ़लक ने है ज़ुल्म ढाना |
|
|||||
|
|
|||||
प्यारी सूरत पे मेरा दिल निसार |
|
|||||
|
|
|||||
हलाले ईद नमूदार आसमाँ पे हुआ |
|
|||||
|
|
|||||
काफ़िरे इश्क़ हूँ लिल्लाह मुसलमान करो |
|
|||||
|
|
|||||