गाने |
जग एक फ़साना कहानी है |
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प्यासी बिलख रही बरसों से इसकी प्यास बुझाऊँगी |
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ज़रा हमरी नगरी आजा नैनों में समाने वाले |
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मैं तो प्रीत किए पछताई |
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उस मोहिनी ने मन मोह लिया |
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ओ बाँके चितवनवाली फिर आकर नाच दिखा |
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आई नैनों की बहार |
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बांके गोपाल लाल ब्रज के गोपाल लाल |
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हे गोविन्द हे गोपाल तेरे गुण गाऊँ |
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हमने तुम्हें पहचान लिया |
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