गाने |
झूठे संसार का आदर और सन्मान ये झूठी माया है |
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जब फ़ज़ल-ए-खिज़ाँ दस्त-ए-सितम गुलशन पर आफ़त ढाता है |
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मौसम-ए-गुल में अजब रंग है मैखाने का |
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मूर्ख लोभी प्रीत का भूल गया घर बार |
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आई बदरिया बरसन को |
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प्रीत की अग्नि की रीत यही है |
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है मंजिल दूर उस डेरे की |
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हाय री कोयलिया तू क्यों बोले कू कू |
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चल यात्री प्रेम के मन्दिर को |
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त्याग चला संसार मुसाफ़िर |
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